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Para Athlete Avani Lekhara Biography in Hindi (पैरा एथलीट अवनि लेखरा जीवनी), Avani Lekhara Age, Early Life, Family, Education, Career, Tokyo Paralympic, Awards,
12 साल की उम्र में हुआ था पैरालिसिस, फिर भी नहीं मानी हार, अब टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाली ‘सुश्री अवनि लेखरा जी’ को भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से किया सम्मानित।
राजस्थान की रहने वाली पैरा एथलीट अवनि लेखरा (Para Athlete Avani Lekhara) जी ने, जिन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। निशानेबाजी में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
वर्ष 2012 में एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुईं अवनि लेखरा जी के कमर के नीचे का हिस्सा काम नहीं करता। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और टोक्यो पैरालिंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास रच दिया है। विकलांग होने के बाद एक नई सफलता की कहानी लिखने का सफर अवनि लेखारा जी के लिये इतना आसान नहीं था। इस लेख में जानते है, उनके जीवन का ये प्रेरणादायी सफर।
Table of Contents
Avani Lekhara एक भारतीय पैरा एथलीट हैं, जिन्होंने टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग में स्वर्ण पदक जीता है। वह पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं और उन्होंने यह उपलब्धि टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में हासिल करके एक नया पैरालंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया और विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। उन्हें पैरा चैंपियंस कार्यक्रम के माध्यम से गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित किया गया है।
नाम (Name) | अवनि लेखरा |
निक नाम | अवनि |
जन्म की तारीख | 8 नवंबर 2001 |
उम्र (Age) | 20 साल (2022) |
जन्म स्थान | जयपुर (राजस्थान) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राशि चक्र | वृश्चिक |
होमटाउन | जयपुर (राजस्थान) |
शिक्षा | उच्च शिक्षा कानून – राजस्थान विश्वविद्यालय: जयपुर, भारत |
स्कूल | जयपुर में केन्द्रीय विद्यालय |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | राजस्थान विश्वविद्यालय |
खेल (Sport) | निशानेबाजी |
पर्सनल कोच | सुमा सिद्धार्थ शिरूर |
राष्ट्रीय कोच | सुभाष राणा |
हीरो/आइडल | भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा |
Para Athlete Avani Lekhara का जन्म 8 नवंबर 2001 को राजस्थान के जयपुर में एक सामान्य परिवार में हुआ। जब वो 11 साल की थीं, तब उनकी जिंदगी में एक बहुत ही दर्दनाक पल आया। 2012 में एक सड़क हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आयी, और उसका आधा शरीर लकवाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना के बाद वह हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर आ गईं।
हादसे में उनके परिवार के अन्य सदस्य भी घायल हो गए थे। इस हादसे ने अवनि को बुरी तरह से तोड़ दिया था। वह अक्सर चुप रहती थी, किसी से बात नहीं करती थी। वह पूरी तरह डिप्रेशन में चली गई थी, वह इतनी कमजोर हो गई थी कि कुछ भी कर नहीं पाती थी। अवनि ने अपने जीवन में निराशा की दीवारें खड़ी कर दी थीं।
पिता का नाम | प्रवीण लेखरा (स्टेट गवर्नमेंट टैक्स अफसर) |
माँ का नाम | श्वेता लेखरा (स्टेट गवर्नमेंट टैक्स अफसर) |
भाई का नाम | अर्णव लेखरा |
कद (हाईट) | 5 फुट, 3 इंच |
वज़न | 55kg |
बालों का रंग | काला |
आँखों का रंग | काला |
महज 12 साल की उम्र में पैरालिसिस की शिकार हुई Athlete Avani Lekhara को व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। अपनी जिंदगी से निराश हुई अवनि को देखकर उनके माता पिता काफी दुखी होते थे। अवनि को डिप्रेशन से दूर करने के लिए, उन्होंने अवनि को किसी खेल से जोड़ने का फैसला किया। उन्होंने अवनी को शूटर अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी लाकर पढ़ने के लिए दी।
बायोग्राफी पढ़ने के बाद, उन्हें शूटिंग (निशानेबाजी) में दिलचस्पी हुई और, अवनि ने सोचा कि वह भी शूटिंग कर सकती है। उन्होंने अपने घर के पास एक शूटिंग रेंज में जाकर अभ्यास करना शुरू कर दिया। शूटिंग (निशानेबाजी) के पहले दिन अवनि के हाथों से गन तक नहीं उठी, लेकिन उसके बाद अप्रैल 2015 से वह नियमित रूप से शूटिंग रेंज में जाने लगी।
शुरूआत में उनके पास शूटिंग कीट तक नहीं थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पूरे जोश के साथ शूटिंग की प्रैक्टिस करने लगी। अब Para Athlete Avani Lekhara को अपनी विकलांगता पर कभी पछतावा नहीं हुआ, बल्कि उसने अपनी विकलांगता को एक अवसर में बदल दिया है। इस काम में उनकी मां श्वेता जेवरिया भी उनका साथ दे रही हैं। श्वेता अपनी बेटी के साथ हर कॉम्पिटिशन के तैयारी में आती हैं।
अपने शूटिंग के सपने को पूरा करने के लिए Athlete Avani Lekhara ने एक कोच की मदद ली। और उनके कोच ने भी उनका पूरा समर्थन किया। अपने दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक और 2015 में राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक जीता। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। Avani Lekhara जी गोल्ड जीतने से पहले भी साल 2018 में हुए एशियाई खेलों के महिलाओं के लिए आर-2 एयर राइफल स्टैंडिंग 10 मीटर, R3 – मिक्स्ड 10M एयर राइफल प्रोन, R6 मिक्स्ड 50M राइफल प्रोन में पार्टिसिपेट कर चुकी हैं।
Avani Lekhara को पिछले दो साल से कोरोना की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस बीच उनकी प्रैक्टिस पर भी काफी असर पड़ा। लेकिन उनके पिता ने घर में टारगेट सेट करके दिया, जहां अवनि पैरालंपिक की तैयारी करने लगी। उनका लक्ष्य ओलिंपिक में सिर्फ गोल्ड मेडल हासिल करना था। इसके लिए वह नियमित रूप से जिम और योगा पर ध्यान दे रही थीं। उन्होंने फिट रहने के लिए खान-पान का खास ख्याल रखा।
टोक्यो पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास: अपने संघर्ष को अपनी सफलता में बदलते हुए, भारतीय निशानेबाज महिला खिलाड़ी अवनी लेखरा (Indian Shooter Avani Lekhara) ने 2021 में आयोजित टोक्यो पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर एक नया इतिहास रच दिया। मात्र 19 वर्ष की आयु में अवनि लेखरा जी ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल की क्लास SH1 में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। Para Athlete Avani Lekhara टोक्यो पैरालिंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला एथलीट बनीं।
भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली गोल्ड गर्ल के नाम से मशहूर Para Athlete Avani Lekhara ने हालातों और परिस्थितियों का हवाला देते हुए कुछ न करने का बहाना ढूंढने वालों के लिए एक मिसाल कायम की है। अवनि लेखरा जी ने अपने संघर्ष पर काबू पाकर अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है, Athlete Avani Lekhara आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा (Inspiration) हैं।
सामान्य प्रश्न:
Ans: अवनि लेखरा एक भारतीय पैरा एथलीट हैं, जिन्होंने टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग में स्वर्ण पदक जीता है।
Ans: अवनि लेखरा का जन्म 8 नवंबर 2001 को जयपुर, राजस्थान में हुआ।
Ans: अवनि लेखरा ने टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में गोल्ड मैडल (स्वर्ण पदक) जीता
Ans: अवनि लेखरा के पर्सनल कोच सुमा सिद्धार्थ शिरूर और राष्ट्रीय कोच सुभाष राणा है।
Ans: अवनि लेखरा के इंस्पिरेशन ओलंपिक पदक विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा है।