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Mahatma Gautam Buddha Hair Story in Hindi (महात्मा गौतम बुद्ध के बालो का रहस्य), Mahatma Gautam Buddha, बौद्ध भिक्षु क्यों करवाते हैं मुंडन, Inspirational Thoughts of Gautam Buddha,
दोस्तों, गौतम बुद्ध के मूर्तियों और चित्रों में आप उनके सर पर जो देखते है, उसके पीछे एक रहस्य छुपा हुआ है। उस विषय में जनमानस में एक कहानी प्रचलित है, और वो रहस्य और उससे संबधित कहानी के जानने लिए इस पुरे आर्टिकल को ध्यान से पढ़े।
ये तो आप सभी जानते ही है, बौद्ध धर्म विश्व का जानामाना धर्म है, और आज के समय में बौद्ध धर्म के दुनिया में करोडो अनुयायी मौजूद है। बौद्ध धर्म की शुरुवात गौतम बुद्ध (Mahatma Gautam Buddha) द्वारा की गयी थी। महात्मा बुद्ध की हजारों लाखों प्रतिमाये इस धरती पे है, जो अलग अलग कलाकारों द्वारा बनायीं गयी है।लेकिन इन सभी प्रतिमाओं में एक चीज कॉमन दिखती है और वो चीज है उनके घुंगराले बाल।
गौतम बुद्ध की हर प्रतिमा में आपको घुंगराले बाल ही दिखेंगे, लेकिन एक कहानी के अनुसार इनकी सच्चाई कुछ और ही है, जो जानके आप हैरान रह जाओगे। एक्चुअली गौतम बुद्ध के सिर पर जो बाल है वो उनके असली बाल नहीं बल्कि कई सारे घोंघे हैं।
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पौराणिक कथाओंके अनुसार एक समय Mahatma Gautam Buddha पेड़ के निचे बैठ कर ध्यान में मग्न थे। वो अपनी साधना में इतने तल्लीन हो गए थे की, उन्हें बाहरी दुनिया का कोई अंदाजा नहीं था। गर्मी का मौसम था और सूरज ठीक उनके सिर पर मौजूद था।
जिस समय वे कड़ी तपस्या में लीन थे, उसी दौरान एक घोंघा वही से गुजर रहा था। उसने भगवान् गौतम बुद्धा के तप को देखा और वो वही रुक गया, और सोचने लगा की, इतनी गर्मी में ये किस प्रकार के साधना में लीन है। इनके सर पे तो बाल भी नहीं है। ऐसे में ये महात्मा को अधिक गर्मी लग रही होगी। ये बात सोचता हुआ वो घोंघो रेंग कर Mahatma Gautam Buddha के सर पे पहुँच गया। उसने सोचा अगर मै यही सर पर रहूँगा, तो इन्हे गर्मी का अहसाह कम होगा।
दरअसल घोंघे का शरीर थोड़ा लचीला और नमी वाला होता है। और उसे पकड़ने से ठंडक का अहसास भी होता है। एक घोंघे को देखकर और भी कई सारे घोंघे गौतम बुद्ध के सिर पर चढ़ गए। कुल 108 घोंघो ने गौतम बुद्ध के सिर को पूरी तरह से ढँक दिया। भगवान् गौतम बुद्ध के आत्मज्ञान की प्राप्ति में उन 108 घोंघो का भी योगदान माना जाता है। जिन्होंने अपने प्राण देकर उन्हें गर्मी से बचाने में मदत की थी। उन 108 घोंघे की याद में ही Mahatma Gautam Buddha की प्रतिमाओं के सिरों पर घुंघराले बालों जैसी आकृतियां बनाई गई हैं।
लेकिन कुछ लोग इस कहानी को सच नहीं मानते। उनके अनुसार गौतम बुद्धा के मूर्तियों के सर पर वास्तविक बाल ही है। उनका ऐसा मानना है की, वन में विहार करते समय Mahatma Gautam Buddha के बाल बढ़ गए थे, और उन्ही बालों के साथ वो तपस्या करने लगे। तपस्या के दौरान अधिक धुप के कारण उनके बाल जल गए, और वो घुंगराले आकार के हो गए।
आज भी दुनिया के कई इलाकों में लोगों के बाल जल के घुंगराले हो जाते है। इसी आधार पर भगवान् गौतम बुद्ध के बाल घुंगराले बनाये जाते है। हालाँकि ये तो मान्यताये है, आप इस बारेमे क्या सोचते है। Mahatma Gautam Buddha के सर पर बाल बनाये जाते है, या फिर वो घोंघे है ? हमें अपनी राय जरूर बताना।
बौद्ध धर्म के त्रिपिटिक में से विनयपिटिक ग्रन्थ के अनुसार बौध्द भिक्षुओं को आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए तन और मन को पवित्र रखना चाहिए। अपने तन की पवित्रता को बनाये रखने के लिए बौद्ध भिक्षु अपने सिर का मुंडन करा लेते है। कहा जाता है की, सिद्धार्थ गौतम ने भी राज्य का त्याग करते समय मुंडन करा लिया था। इस बात से साफ़ जाहिर होता है की, Mahatma Gautam Buddha भी आज के भिक्षुओं के तरह ही गंजे हुआ करते थे। आज के समय में उनकी मूर्तियों के ऊपर जो आकृति बनायीं जाती है, वो उनके बाल नहीं है।