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Classical Singer Prabha Atre Biography in Hindi (शास्त्रीय गायिका डॉ प्रभा अत्रे जीवनी), Dr. Prabha Atre Education, Family, Career, Awards and Honours,
शास्त्रीय संगीत को देश-विदेश में नई पहचान दिलाने वाली प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका (Classical Singer) ‘डॉ. प्रभा अत्रे (Dr Prabha Atre) जी’ को भारत सरकार ने पद्म विभूषण सम्मान से किया सम्मानित।
भारतीय कला और संस्कृति ने आज विश्वस्तर पर एक विशेष पहचान बनाई है। लेकिन भारतीय कला और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर ले जाने का काम देश के उन कलाकारों ने किया है, जिनकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम होगी। किराना घराने की प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका डॉ. प्रभा अत्रे (Dr Prabha Atre) जी इन्हीं प्रसिद्ध कलाकारों में से एक हैं।
जिन्होंने शास्त्रीय संगीत को एक अलग पहचान दी है। डॉ प्रभा अत्रे (Dr Prabha Atre) जी ने संगीत के अलावा कई किताबें भी लिखी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार भारत का नाम रोशन किया है। यही कारण है, कि भारत सरकार ने उन्हें संगीत में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश के सर्वोच्च सम्मानों में से एक पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया है। आइए इस लेख में जानते हैं Dr Prabha Atre जी के जीवन की प्रेरणादायी यात्रा के बारे में।
Table of Contents
Dr Prabha Atre जी का जन्म 13 सितंबर 1932 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ। उनके पिताजी स्वर्गीय श्री. दत्तात्रेय पिलाजी नी आबासाहेब अत्रे रास्ता पेठ एजुकेशन सोसाइटी स्कूल, पुणे (वर्तमान में अबासाहेब अत्रे डे हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज) में एक सेवानिवृत्त हेड मास्टर थे। और उनकी माँ स्वर्गीय श्रीमती. इंदिरा अत्रे सेवानिवृत्त शिक्षक थी।
नाम (Name) | डॉ. प्रभा अत्रे |
जन्म तारीख | 13 सितंबर 1932 |
उम्र (Age) | 89 (2022 तक) |
जन्म स्थान | पुणे, महाराष्ट्र |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
प्रोफेशन | भारतीय शास्त्रीय गायिका |
पिताजी का नाम | दत्तात्रय पिलाजी नी आबासाहेब अत्रे |
माताजी का नाम | इंदिरा अत्रे |
बहन का नाम | डॉ. उषा वाघ नी अत्रे |
उन्हें बचपन से ही संगीत से बहुत लगाव था। उन्होंने विज्ञान से स्नातक करने के बाद कानून की शिक्षा भी प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। Prabha Atre जी ने लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज से वेस्टर्न म्यूजिक की पढ़ाई भी की है। वह कई संगीत विद्याओं से संपन्न है।
1 | विज्ञान स्नातक | फर्ग्यूसन कॉलेज, पूना विश्वविद्यालय |
2 | विधि (कानून) स्नातक | लॉ महाविद्यालय, पूना विश्वविद्यालय |
3 | संगीत अलंकार (संगीत के मास्टर) | गंधर्व महाविद्यालय मंडल |
4 | संगीत प्रवीण (संगीत के डॉक्टर) | गंधर्व महाविद्यालय मंडल |
5 | वेस्टर्न म्यूजिक थ्योरी ग्रेड IV | ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक, लंदन |
6 | उत्तर भारतीय शास्त्रीय गायन में प्रशिक्षण: पारंपरिक ‘गुरु-शिष्य परम्परा’ प्रणाली | श्री। सुरेशबाबू माने और श्रीमती. किराना घराने की हीराबाई बडोडेकर |
प्रभा अत्रे (Prabha Atre) जी ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में एक गायन मंच (stage-actress) अभिनेत्री के रूप में एक छोटा कार्यकाल किया था। उन्होंने मराठी थिएटर क्लासिक्स की एक लाइन-अप में भी भूमिकाएँ निभाईं, जिसमें संगीत नाटक जैसे संशय-कल्लोल, मानापमान, सौभद्र और विद्याहरन शामिल थे।
Prabha Atre जी शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम हैं। प्रभा अत्रे जी वर्तमान में किराना घराने का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के वरिष्ठ गायकों में से एक हैं। शास्त्रीय परंपरा की शीर्ष गायिकाओं में से एक डॉ. प्रभा अत्रे जी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रभा अत्रे (Prabha Atre) जी उन दुर्लभ कलाकारों में से एक हैं, जिन्हें ख्याल, ठुमरी, दादरा, ग़ज़ल और गीत आदि विभिन्न प्रकार के संगीत के लिए जाना जाता है। 1969 से वह छात्रों को शास्त्रीय संगीत के निजी पाठ पढ़ा रही हैं।
Dr Prabha Atre जी ने न केवल शास्त्रीय संगीत को पहचान दी है, बल्कि उन्होंने संगीत के विभिन्न विषयों पर अलग-अलग किताबें भी लिखी हैं। उनकी लिखी पहली किताब ‘स्वरमयी (Swaramayee)’ है। ‘स्वरमयी (Swaramayee)’ उनके संगीत पर लिखे गए लेखों का संकलन है।
किराना घराने की वरिष्ठ शास्त्रीय गायिका Prabha Atre जी का संगीत सुनकर दर्शक थिरकने पर मजबूर हो जाते हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी उनमें युवाओं जैसा ही जोश है। डॉ. प्रभा अत्रे जी मनमोहक मुस्कान के साथ राग बिहाग गाती हैं और इस तरह गाती हैं कि श्रोता मंत्रमुग्ध होकर उनका गीत सुनते रहें। 88 की उम्र तक आते आते डॉ. प्रभा अत्रे जी ने करीब 550 बंदिशें स्वरबद्ध की हैं।
शास्त्रीय संगीत की दुनिया में किराना घराने की मशहूर शास्त्रीय गायिका Dr Prabha Atre एक जाना-पहचाना नाम हैं। वह एक कलाकार, संगीतकार, लेखिका हैं और उन्हें संगीत के विभिन्न पहलुओं का ज्ञान है। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। Prabha Atre जी ने 11 किताबें (एक चरण से) जारी करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने अपूर्व कल्याण, दरबारी कौन्स, पटदीप-मल्हार, शिव काली, तिलंग-भैरव, रवि भैरव और मधुर कौन जैसे नए रागों का आविष्कार किया है।
देश-विदेश में शास्त्रीय संगीत को विशिष्ट पहचान दिलाने वाली Dr Prabha Atre जी के अमूल्य योगदान के सम्मान में, भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मानों में से एक पद्म विभूषण से सम्मानित किया है। इतना ही नहीं, उन्हें वर्ष 1990 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें दुनिया भर में शास्त्रीय संगीत को एक नई पहचान देने के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है।
भारतीय कला और संस्कृति का अमूल्य परिचय देने वाली शास्त्रीय संगीत गायिका Dr Prabha Atre जी आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा (Inspiration) हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन के दम पर सफलता की नई कहानी (Success Story) लिखी है।
सामान्य प्रश्न:
Ans: प्रभा अत्रे जी किराना घराने की एक भारतीय शास्त्रीय गायिका हैं, जिन्होंने देश-विदेश में शास्त्रीय संगीत को विशिष्ट पहचान दिलाने में अमूल्य योगदान दिया है, जिसके लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा तीनों पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
Ans: Dr Prabha Atre जी का जन्म 13 सितंबर 1932 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ।
Ans: प्रभा अत्रे के पिताजी का नाम श्री. दत्तात्रेय पिलाजी नी आबासाहेब अत्रे है, जो रास्ता पेठ एजुकेशन सोसाइटी स्कूल, पुणे (वर्तमान में अबासाहेब अत्रे डे हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज) में एक सेवानिवृत्त हेड मास्टर थे।